Wednesday, July 31, 2013

मोहन रावल अनमोल 'अस्तु' का गजल

___गजल


खुपरी हँसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!
मायामा फँसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!

मायाको आँचल त्यो बिछ्याएर बरै...!
उठायो बसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!



मुटुको चाल बढ्यो जिन्दगी बेहाल भो...!
छातिमा टँसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!

नजरले हिर्कायो अथाह प्यार दिएर...!
अधरले डसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!

मलाई सपना देखायो सुनौला सुनौल...!
बाहुमा कसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!

यो सबै नाटक रहेछ बनावटी प्यार को...!
अस्तु राख घसायो निश्ठुरिले एक दुई दिन त...!!

मोहन रावल अनमोल 'अस्तु' बान्नातोली पाँच अछाम

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